चोज गाँव से मणिकर्ण – एक सुहाना सफ़र (कसोल-यात्रा भाग 2)
चोज गाँव से मणिकर्ण तक का सफ़र मेरी ज़िन्दगी की यादगार पैदल यात्राओं में से एक है। मैं जब भी उस यात्रा को याद करती हूँ तो एक अद्भुत रोमांच से भर जाती हूँ। ऐसे अनुभव जीवन में ताज़गी और उमंग भर देते हैं। जीवन जीने की ऊर्जा देते हैं। यह पोस्ट कसोल की मेरी यात्रा के अनुभवों पर आधारित शृंखला की दूसरी कड़ी है।
कसोल की यात्रा के मेरे अनुभव- मेरी पहली सोलो ट्रिप ( कसोल यात्रा- भाग 1)
इस पोस्ट में मैंने कसोल की यात्रा के अपने अनुभवों के विषय में लिखा है. यह मेरी पहली सोलो ट्रिप थी. इसके पहले मैं २००९ से हिन्दी में ब्लॉग लिख रही हूँ और उससे कहीं पहले से घुमक्कड़ी कर रही हूँ, लेकिन कभी ट्रेवल ब्लॉग लिखने का ख़याल नहीं आया. पिछले कुछ दिनों से यात्रा-वृत्तान्त लिखने का मन हो रहा था, तो सोचा ब्लॉगिंग ही शुरू कर दूँ. और यह रही मेरी वेबसाईट. यहाँ घुमक्कड़ी के किस्से होंगे और कुछ तस्वीरें, जो मैंने इस दौरान ली हैं.
Striving forward
I often remember this quote when I am in trouble. “Never depend on a road, depend on your strides” ― Munia Khan The journey of life is full of twists and turns. We all have our paths to tread, but the one thing that remains constant is that we must keep moving forward. It is …
Pursuing Passions Again
As we grow up, we often put our passions aside to focus on other things such as school, work, and family obligations. However, it’s important to remember that our passions and hobbies are what makes life enjoyable and fulfilling. If you’re someone who used to enjoy drawing as a child but hasn’t done it in …
उठना
अँधियारे को चिढ़ा-चिढ़ाकर उगता सूरज धरती पर उड़ेल रहा हो पिघला सोना अपनी किरणों से भर-भरकर तो कैसे बैठी रह सकती हो? तुम अपने घर के भीतर उगते सूरज सी उठो निकलो घर से बाहर ! ढलते सूरज के साथ नर्म और शीतल हुई हवा को महसूस करो पानी में अठखेलियाँ करती सूर्य रश्मियों को …