उठना

अँधियारे को चिढ़ा-चिढ़ाकर
उगता सूरज धरती पर
उड़ेल रहा हो पिघला सोना
अपनी किरणों से भर-भरकर

तो कैसे बैठी रह सकती हो?
तुम अपने घर के भीतर

उगते सूरज सी उठो
निकलो घर से बाहर !

ढलते सूरज के साथ
नर्म और शीतल हुई हवा को महसूस करो

पानी में अठखेलियाँ करती सूर्य रश्मियों को देखो!

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